Home » Blog » न्यायाधिकरणों और उच्च न्यायालय मोटर दुर्घटना मुआवजे की याचिका को समय सीमा समाप्त होने के कारण खारिज न करें: सुप्रीम कोर्ट

न्यायाधिकरणों और उच्च न्यायालय मोटर दुर्घटना मुआवजे की याचिका को समय सीमा समाप्त होने के कारण खारिज न करें: सुप्रीम कोर्ट

समय सीमा समाप्त होने के कारण, मोटर दुर्घटना मुआवजे की याचिका को खारिज नहीं
आदेश मोटर वाहन अधिनियम की धारा 166(3) के संदर्भ में
दुर्घटना की तारीख से 6 महीने की सीमा अवधि निर्धारित
धारा 166(3) को 2019 में संशोधित किया गया था।
जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की खंडपीठ ने दलीलें सुनी
सुप्रीम कोर्ट सड़क दुर्घटनाओं से प्रभावित परिवारों के वित्तीय अधिकारों के प्रति सजग
कानपुर 8 नवंबर 2025
नई दिल्ली:8नवंबर 2025:सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश पारित किया है जिसमें मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरणों और उच्च न्यायालयों को यह निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी मोटर दुर्घटना मुआवजे की याचिका को समय सीमा समाप्त होने के कारण खारिज न करें। यह आदेश मोटर वाहन अधिनियम की धारा 166(3) को चुनौती देने वाली एक याचिका के संदर्भ में दिया गया था, जो दावा याचिका दायर करने के लिए दुर्घटना की तारीख से 6 महीने की सीमा अवधि निर्धारित करती है.
धारा 166(3) का निहितार्थ: यह धारा मुआवजे के लिए आवेदन करने में समय सीमा को निर्धारित करती है, जिसके अनुसार दावा याचिका को दुर्घटना की तिथि से 6 महीने के भीतर दायर करना आवश्यक है। इसे 2019 के संशोधन द्वारा जोड़ा गया था.
कोर्ट की टीका: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस प्रावधान को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं लंबित हैं। इसलिए इन याचिकाओं की सुनवाई की आवश्यकता है और तब तक किसी भी याचिका को समय-सीमा समाप्त होने के आधार पर खारिज नहीं किया जाएगा.
सुनवाई की प्रक्रिया: जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की खंडपीठ ने निर्देश दिया है कि पक्षकारों को अपनी दलीलें पूरी करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है, अन्यथा वे अपने पक्ष में दलील देने का अधिकार खो देंगे.
यह आदेश उन दुर्घटनाग्रस्त पीड़ितों के लिए राहत देने वाला है जो समय सीमा से वंचित हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को मुआवजे के लिए उचित अवसर दिया जाए, यह मानते हुए कि समय सीमा का कोई तकनीकी कारण न हो.
आदेश से संकेत है कि सुप्रीम कोर्ट सड़क दुर्घटना से प्रभावित परिवारों के वित्तीय अधिकारों की रक्षा करने के लिए तत्पर है, और यह स्पष्ट तौर पर दिखाता है कि मोटर वाहन अधिनियम का उद्देश्य पीड़ितों की सहायता करना है।

Share This

इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया जारी करें

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

Recent Post