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मीडिया में धर्मेंद्र की मौत की झूठी खबर: पत्नी हेमा मालिनी और बेटी ईशा देओल

पत्नी हेमा मालिनी और बेटी ईशा देओल ने तुरंत अफवाहों का खंडन
धरम जी जीवित गूगल, इंडिया टुडे और अन्य प्रामाणिक स्रोतों ने भी मृत होने की सूचना
बॉबी देओल वेंटिलेटर पर जाने के बाद धर्मेंद्र से मिलने के बाद रोने लगे
धर्मेन्द्र की प्रमुख फिल्मो में  शोले  की कहानी अमिताभ बच्चन और धर्मेन्द्र पर केन्द्रित
कानपुर 11 नवंबर 2025
सोशलमीडिया पोस्ट से
मुम्बई:11 नवंबर 2025:मुंबई: सांस लेने में तकलीफ के कारण 31 अक्टूबर से मुंबई के अस्पताल में भर्ती बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र मंगलवार को आजतक जैसे समाचार चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर झूठी मौत की खबरों का विषय बन गए। उनकी पत्नी हेमा मालिनी और बेटी ईशा देओल ने तुरंत अफवाहों का खंडन किया और पुष्टि की कि 89 वर्षीय अभिनेता की हालत स्थिर है और वह ब्रीच कैंडी अस्पताल में ठीक हो रहे हैं। इस घटना की असत्यापित रिपोर्टिंग के लिए व्यापक आलोचना हुई, मशहूर हस्तियों और प्रशंसकों ने परिवार की गोपनीयता की दलीलों के बीच मीडिया से जिम्मेदारी का आग्रह किया।
Hema Malini@dreamgirlhema
जो हो रहा है वह अक्षम्य है! जिम्मेदार चैनल उस व्यक्ति के बारे में झूठी खबर कैसे फैला सकते हैं जिस पर इलाज का असर हो रहा है और वह ठीक हो रहा है? यह बेहद अपमानजनक और गैर-जिम्मेदाराना है।’ कृपया परिवार और उसकी गोपनीयता की आवश्यकता को उचित सम्मान दें।
Imtiaz@CricImtiaz
क्या!!!!! धरम जी जीवित हैं. यहां तक ​​कि गूगल, इंडिया टुडे और कई अन्य प्रामाणिक स्रोतों ने भी उनके मृत होने की सूचना दी…
News24न्यूज24 @news24tvchannel·9h
“…कृपया परिवार और उनकी निजता की ज़रूरत का पूरा सम्मान करें” ◆ धर्मेंद्र की पत्नी हेमा मालिनी ने कहा
News18 Uttar Pradeshन्यूज18 उत्तर प्रदेश@News18UP·7h
एक्टर धर्मेंद्र को लेकर हेमा मालिनी का पोस्ट, ‘धरम जी के निधन की खबर झूठी’… धरम जी की सेहत में सुधार-हेमा मालिनी
बीबीसी न्यूज़ हिंदी@BBCHindi·7h
‘जो हो रहा है उसे माफ़ नहीं किया जा सकता’, धर्मेंद्र को लेकर चल रही ख़बरों पर हेमा मालिनी ने जताई नाराज़गी
India TVभारतीय टी.वी@indiatvnews8h
धर्मेंद्र के निधन की अफवाहों पर भड़कीं हेमा मालिनी, सच्चाई बताकर बोलीं- जो रहा है वो अक्षम्य है बॉबी देओल वेंटिलेटर पर जाने के बाद धर्मेंद्र से मिलने के बाद रोने लगे!
Azat TVअज़ात टीवी@azattelevision1m
.सोशल मीडिया अटकलों के बवंडर में, देओल परिवार ने पुष्टि की है कि धर्मेंद्र जीवित हैं और ठीक हो रहे हैं। यह क्षण अफवाहों के युग में जिम्मेदार रिपोर्टिंग की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
धर्मेन्द्र की प्रमुख फिल्मो में  शोले  की कहानी जय (अमिताभ बच्चन) और वीरू (धर्मेन्द्र)   पर केन्द्रित है,१९७५ की एक भारतीय हिन्दी एक्शन फ़िल्म है। सलीम-जावेद द्वारा लिखी इस फ़िल्म का निर्माण गोपाल दास सिप्पी ने और निर्देशन का कार्य, उनके पुत्र रमेश सिप्पी ने किया है। जिन्हें डाकू गब्बर सिंह (अमजद ख़ान) से बदला लेने के लिए पूर्व पुलिस अधिकारी ठाकुर बलदेव सिंह (संजीव कुमार) अपने गाँव लाता है। जया भादुरी और हेमा मालिनी ने भी फ़िल्म में मुख्य भूमिकाऐं निभाई हैं। शोले को भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों में से एक माना जाता है। ब्रिटिश फ़िल्म इंस्टिट्यूट के २००२ के “सर्वश्रेष्ठ १० भारतीय फ़िल्मों” के एक सर्वेक्षण में इसे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। २००५ में पचासवें फ़िल्मफेयर पुरस्कार समारोह में इसे पचास सालों की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का पुरस्कार भी मिला।
शोले का फ़िल्मांकन कर्नाटक राज्य के रामनगर क्षेत्र के चट्टानी इलाकों में ढाई साल की अवधि तक चला था। बहत फ़िल्मांकन महाराष्ट्र के उरण पनवेल मे हुवा केन्द्रीय फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड के निर्देशानुसार कई हिंसक दृश्यों को हटाने के बाद फ़िल्म को १९८ मिनट की लंबाई के साथ १५ अगस्त १९७५ को रिलीज़ किया गया था। हालांकि १९९० में मूल २०४ मिनट का मूल संस्करण भी होम मीडिया पर उपलब्ध हो गया था। रिलीज़ होने पर पहले तो शोले को समीक्षकों से नकारात्मक प्रतिक्रियाएं और कमजोर व्यावसायिक परिणाम मिले, लेकिन अनुकूल मौखिक प्रचार की सहायता से थोड़े दिन बाद यह बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता बनकर उभरी। फ़िल्म ने पूरे भारत में कई सिनेमाघरों में निरंतर प्रदर्शन के लिए रिकॉर्ड तोड़ दिए, और मुंबई के मिनर्वा थिएटर में तो यह पांच साल से अधिक समय तक प्रदर्शित हुई। कुछ स्त्रोतों के अनुसार मुद्रास्फीति के लिए समायोजित करने पर यह सर्वाधिक कमाई करने वाली भारतीय फ़िल्म है।
शोले एक डकैती-वॅस्टर्न फ़िल्म है, जो वॅस्टर्न शैली के साथ भारतीय डकैती फ़िल्मों परम्पराओं का संयोजन करती है, और साथ ही मसाला फ़िल्मों का एक परिभाषित उदाहरण है, जिसमें कई फ़िल्म शैलियों का मिश्रण पाया जाता है। विद्वानों ने फ़िल्म के कई विषयों का उल्लेख किया है, जैसे कि हिंसा की महिमा, सामंती विचारों का परिवर्तन, सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने वालों और संगठित होकर लूट करने वालों के बीच बहस, समलैंगिक गैर रोमानी सामाजिक बंधन और राष्ट्रीय रूपरेखा के रूप में फ़िल्म की भूमिका। राहुल देव बर्मन द्वारा रचित फ़िल्म की संगीत एल्बम और अलग से जारी हुए संवादों की संयुक्त बिक्री ने कई नए बिक्री रिकॉर्ड सेट किए। फ़िल्म के संवाद और कुछ पात्र बेहद लोकप्रिय हो गए और भारतीयों के दैनिक रहन-सहन हिस्सा बन गए। जनवरी २०१४ में, शोले को ३डी प्रारूप में सिनेमाघरों में फिर से रिलीज़ किया गया था।

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