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बिहार का चुनाव निष्पक्ष: सुप्रिया श्रीनेत की सोशल मीडिया पोस्ट से :उठिएआवाज़ उठाइए वक्त साथ खड़े होने का

चुनाव के पहले 62 लाख वोट काटे और फिर 20 लाख वोट जोड़े जिनमें 5 लाख बिना SIR फॉर्म
चुनाव के बावजूद सरकार ने महिलाओं के खाते में ₹10,000 भेजे  चुनाव आयोग मूक
राहुल गांधी को दोषी ठहराना मकसद – मोदी के ख़िलाफ़ सबसे मज़बूत आवाज़ को दबाना
उठिएआवाज़ उठाइए वक्त साथ खड़े होने का

कानपुर 17 नवंबर 2025
सुप्रिया श्रीनेत@SupriyaShrinate 23h
बिहार के चुनाव में सुप्रिया श्रीनेत ने विभिन्न वीडियो में वोट चोरी का आरोप लगाया है। इसके अलावा, उन्होंने चुनाव आयोग के विधानसभा क्षेत्र संख्या और अन्य जानकारी के अनुसार वोट चोरी का आरोप लगाया है। इस विषय में राहुल गांधी का समर्थन भी किया गया है। चुनाव परिणामों के अनुसार, बिहार में नतीजों में विभिन्न वोट चोरी के आरोपों का विचार किया जा रहा है।
अगर आपको लगता है बिहार का चुनाव निष्पक्ष हुआ है और इस हार के ज़िम्मेदार राहुल गांधी हैं तो आपसे बात करना बेमानी है
लेकिन अगर आप उन लोगों में से हैं जो समझदार हैं और ये देखकर आपके मन में भी सवाल आता है कि BJP और उसके घटक दलों की 90% स्ट्राइक रेट असंभव है
अगर आप भी यह मानते हैं कि यह स्ट्राइक रेट बेरोज़गारी, महंगाई, पलायन, ध्वस्त क़ानून व्यवस्था के चलते संभव नहीं है – तो आप का संशय सही है
अगर एक व्यक्ति एक वोट के सिद्धांत पर चुनाव नहीं होगा तो कौन सी निष्पक्षता और काहे का चुनाव?
अगर बिहार चुनाव के पहले 62 लाख वोट काटे जाएँगे और फिर 20 लाख वोट जोड़े जाएँगे जिनमें से 5 लाख वोट बिना SIR फॉर्म भरे ही जुड़ गए
चुनाव घोषणा के वक्‍त 6 अक्टूबर को ज्ञानेश कुमार ने बिहार में वोटरों की संख्‍या 7.42 करोड़ बताई, जो वोटिंग के बाद 11 नवंबर को बढ़कर 7.45 करोड़ कैसे हो गई? पूरे 3 लाख वोटर बढ़ गए
चुनाव घोषित होने के बावजूद बिहार की BJP-JDU सरकार ने महिलाओं के खाते में ₹10,000 भेजे, और चुनाव आयोग मूक दर्शक बना रहा – जबकि यह खुलेआम वोट के लिए रिश्वत है
वोटिंग के पहले चुनाव के बीचोबीच करनाल से लोगों को BJP का पटका पहनाकर ट्रेन भरकर बिहार वोट करने भेजा गया और यह सब हमें इसलिए पता चला क्योंकि राहुल गांधी ने अकेले वोट चोरी और नरेंद्र मोदी-चुनाव आयोग की मिलीभगत का पर्दाफाश किया है
राहुल गांधी ने आरोप नहीं लगाए बल्कि सबूतों के साथ देश के सामने सारा कच्चा चिट्ठा खोल कर रख दिया
राहुल गांधी की बदौलत हमें डुप्लीकेट वोटर, फ़र्ज़ी पते, नक़ली तस्वीरें, एक घर में 500 वोटर जैसे फ़र्ज़ीवाड़े के बारे में पता चला
राहुल गांधी की बदौलत एक आदमी के एक से ज़्यादा वोट डालने वाले वीडियो शेयर हुए राहुल गांधी की बदौलत बूथ पर लोगों को वोट ना डालने दिए जाने के तथ्य जनता तक पहुंचे
राहुल गांधी के खुलासे के बाद ही मीडिया और डिजिटल मीडिया ने ज़मीनी रिपोर्टिंग की और SIR की धांधली के तमाम उदाहरण बाहर आए
• तो आज अचानक राहुल गांधी पर कौन आक्रामक है?
• किस बात के लिए राहुल गांधी पर दोष मढ़ा जा रहा है?
• कौन उन्हें महागठबंधन की हार का ज़िम्मेदार बता रहा है? • तो आज अचानक राहुल गांधी पर कौन आक्रामक है?
• किस बात के लिए राहुल गांधी पर दोष मढ़ा जा रहा है?
• कौन उन्हें महागठबंधन की हार का ज़िम्मेदार बता रहा है?
आप भले इसका शिकार हो गए हों, लेकिन यह सोची समझी साज़िश BJP, RSS और उनके पालतू मीडिया की है किसी भी क़ीमत पर राहुल गांधी को दोष इसलिए दो जिससे कि वोट चोरी पर किया उनका खुलासा फीका पड़ जाये
राहुल गांधी को ग़लत ठहराओ क्योंकि वो एक अकेला नरेंद्र मोदी की एजेंसी और उनके तंत्र से लोहा लिए हुए हैं, और किसी क़ीमत पर कोई भी समझौता करने को तैयार नहीं हैं
महागठबंधन की हार के लिए राहुल गांधी को दोषी ठहराना का सिर्फ एक मकसद है – मकसद है मोदी के ख़िलाफ़ इस देश की सबसे मज़बूत आवाज़, राहुल गांधी की आवाज़ को दबाना – किसी भी तरह उन्हें discredit करना और विपक्षी खेमे में अविश्वास और संशय पैदा करना
BJP ने वोट चोरी को पूरी तरह institutionalise कर दिया है. इसलिए BJP के इलेक्शन मैनेजमेंट, या विपक्ष BJP की तरह क्यों नहीं लड़ता, जैसी दलीलें बिल्कुल बेमानी हैं
लेकिन यह 2014 नहीं है – राहुल गांधी के ख़िलाफ़ BJP का षड्यंत्र अब सफल नहीं होगा. राहुल गांधी ने इस देश के सामने जो सच रखा है – उसका जीता जागता प्रमाण बिहार का नतीजा है – जो खुला खेल फ़र्रुख़ाबादी है – वो किसी से छिपा नहीं है तो उठिए, आवाज़ उठाइए, यह वक्त साथ खड़े होने का है. और एक बात याद रखिएगा – BJP जो मन चाहे झूठ परोसे, भांडा ज़रूर फूटेगा. सच को छिपाना नामुमकिन है – फिर चाहे सच का एक सिपाही अकेला ही क्यों ना खड़ा हो
बिहार के चुनाव ने संविधान में दी चुनावी प्रणाली की धज्जियाँ उड़ा दी हैं खुलेआम BJP के नेताओं, पदाधिकारियों ने एक से ज़्यादा वोट डाले हैं

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