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एयर इंडिया विमान दुर्घटना जांच में कोई हेराफेरी या गंदा कारोबार नहीं हो रहा: विमानन मंत्री

विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने मंगलवार को कहा कि 12 जून को हुए एअर इंडिया विमान हादसे की जांच में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो रही है। इस हादसे में 260 लोगों की जान चली गई थी। मंत्री का यह बयान तब आया है, जब कुछ लोग विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की जांच पर सवाल उठा रहे हैं। नायडू ने कहा कि यह जानने के लिए कि वास्तव में क्या हुआ था, सभी को एएआईबी की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना होगा।

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विमानन मंत्री ने कहा, जांच में कोई हेराफेरी या कोई गड़बड़ी नहीं हो रही है। यह एक बहुत ही साफ-सुधरी और गहन प्रक्रिया है, जिसे हम नियमों के मुताबिक कर रहे हैं। नायडू राष्ट्रीय राजधानी में एक पुस्तक विमोचन समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, अंतिम रिपोर्ट आने में अभी कुछ समय लगेगा। एएआईबी इस पर बहुत ही पारदर्शी और स्वतंत्र तरीके से जांच कर रहा है। हम उन पर कोई दबाव नहीं डालना चाहते कि वह जल्दबाजी में कोई रिपोर्ट तैयार करें। इसलिए इस रिपोर्ट को पूरा करने में जितना जरूरी समय लगेगा, वह उतना समय लेंगे।

चार अक्तूबर को अमृतसर से बर्मिंघम जा रही उड़ान एआई-117 में रेंडम एल्कोहल टेस्टिंग (आरएटी) की तैनाती को लेकर विमानन मंत्री ने कहा, जब भी इस तरह की कोई घटना होती है, तो हम यह समझने की कोशिश करते हैं कि इसकी जड़ में क्या समस्या है। जब हमें असली कारण का पता चल जाएगा, तब हम इससे जुड़े सभी पक्षों (चाहे वो मूल उपकरण निर्माता हों या अन्य जिम्मेदार लोग) से संपर्क करेंगे। हम इस पर पूरी तरह से गहराई से जांच करेंगे। विमानन महानिदेशालय इस तकनीकी समस्या की वजह का पता लगाने में जुटा है।

अहमदाबाद में हुआ था विमान हादसा

12 जून को अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक के लिए उड़ान भरने वाला एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान (AI-171) टेकऑफ के कुछ सेकंड  बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में 260 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 241 यात्री शामिल थे। इसे भारत के सबसे बड़े विमान हादसों में एक माना गया।

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एएआईबी की शुरुआती रिपोर्ट और विवाद

एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट12 जुलाई को जारी हुई थी। उसमें बताया गया था कि टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद विमान के दोनों इंजनों को जाने वाली ईंधन आपूर्ति लगभग एक साथ बंद हो गई। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को यह कहते सुना गया कि ‘तुमने कटऑफ क्यों किया?’, जिस पर दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया। 22 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को सार्वजनिक करने पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि इस तरह की ‘चयनात्मक रिपोर्टिंग दुर्भाग्यपूर्ण और गैर-जिम्मेदाराना’ है, क्योंकि इससे मीडिया में गलत नैरेटिव बन सकता है।

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